मेरी मां





जब खोली आंखें और देखी दुनिया ! 
वह पहली सूरत तेरी ही थी अम्मा !! 

तोतले लफ्जों ने सीखा जब बोलना  ! 
मेरी जुबान से निकला पहला शब्द था अम्मा !! 

पहले कदम से अब तक मिले हर ठोकरों पे  ! 
लड़खड़ा कर थामा जिसे वह दीवार है अम्मा !! 


मुश्किलों में भी सदा डटे रहना तुम  ! 
मेरे हौसलो ने जो सीखा वह सबक है अम्मा !! 

दौड़ते भागते जीवन के इस रेस में ! 
मुझको मिला फुर्सत का चंद लम्हा है अम्मा !! 

नहीं छुपा तेरी आंखों से कोई राज मेरा ! 
तू है मेरे जीवन का आइना अम्मा !! 

जहां चैन है, सुकून है, लाड है, दुलार है ! 
हां वही खूबसूरत संसार है अम्मा !! 

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