कहते है कि
किताबें हमारी सबसे अच्छी
दोस्त होती हैं
और ये बात
पूरी तरह से
सच साबित भी
होती है | आप
किताबों के साथ
वक्त बिताकर तो
देखिये ये आपको
अपने साथ एक
अलग ही दुनिया
में लेजाएंगी | किताबों
के पन्नों से
आती कागज कि
खुशबु में एक
अजीब सा नशा
होता है, एक
सुकून होता
है इसके साथ
बिताए हल लम्हे
में, ये आपसे
कुछ नहीं मांगती
बस देना जानती
है | वैसे तो
किताबे हर उम्र
के लोगों को
पढ़नी चाहिए पर
देखने में ये
आता है कि
महिलाये अक्सर अपने घरेलू
कामकाज के चकर
में किताबे पढ़ना
छोड़ देती हैं|
आप दूसरों के लिए
तो बहुत कुछ
करती हैं पर
अपने लिए करना
भूल जाती हैं
| इस लिए मैं
आपको यह कहना
चाहूंगी कि आप
जब भी खुद
को परेशान या
अकेला महसूस कर
रहीं हों तो
आप किताबें पढ़ें
यकीन मानिये ये
आपकी सबसे अच्छी
दोस्त बन सकती
हैं | अगर आप
किताबे पढ़ना चाहती
हैं तो आपको
ये 5 किताबे जरूर
पढ़नी चाहियें |
1. द्रौपदी
की
महाभारत
(द
पैलेस
ऑफ़
इल्लुस्जंस)
–चित्रा
देव्कुरनी
द्रौपदी
हमारे पुराणों की सबसे धैर्यशील औरतों में से एक थीं | इतनी तकलीफें सहने के बाद भी
वह सत्य के पथ पर अडिग रहीं | चित्रा देव्कुरनी की इस किताब में महाभारत को द्रौपदी
की नज़र से दिखाया गया है | ये किताब हमें सिखाती है की औरतें शक्ति स्वरूपिणी होती
हैं और उन्हें जीवन में किसी से हार माननी नहीं चाहिए |
2. कोई
अच्छा
सा
लड़का
(अ
सूटेबल
बॉय)
–विक्रम
सेठ
विक्रम
सेठ की ये
किताब बयान है
एक ऐसी प्रेम
कहानी का जो
विभाजन के बाद
दर्शायी गयी है
| हांलाकि ये किताब
बेहद लम्बी है
फिर भी इसको
एक बार पढ़ना
आवश्यक है | इसके
साथ इस किताब
में भारत की
उस वक़्त की
स्थिति का भी
पूर्ण रूप से
आवलोकन किया गया
है | जो लड़कियां
प्यार की जीत
के ख्याल में
विश्वास रखती हैं
उन्हें ये किताब
विशेष रूप से
प्रभावित करेगी | लेकिन ध्यान
रहे इस किताब
में कुछ ऐसे
भी हिस्से हैं
जो शायद आपके
दिल को थोड़ा
दुखी कर दें
|
3. हजारों
दमकते
ख्वाब
(अ
थाउजेंड
स्प्लेंडिड
संस)
-खालीद
होस्सिनी
दो
साधारण अफगानी औरतों की
हिम्मत की कहानी
“हजारों दमकते ख्वाब” आपको
उन औरतों के
साथ भावनात्मक सम्बन्ध
स्थापित करने को
मजबूर कर देती
है | इस किताब
में पेश किया
गया दर्द और
तकलीफ आपको अपनी
जिंदगी की कीमत
समझने में मदद
करेगा | आपको इस
बात का एहसास
होगा की आप
कई लोगों से
काफी बेहतर स्थिति
में है और
इसके लिए आपको
भगवान का शुक्रगुज़ार
होना चाहिए |
4. मामूली
चीज़ों
का
देवता
(द
गॉड
ऑफ़
स्माल
थिंग्स)
– अरुंधती
रॉय
अरुंधती
रॉय की पहली
किताब दो जुड़वां
बहनों के दर्द
की कहानी है
| ये किताब उन
बहनों के बचपन
से लेकर 31 साल
की उम्र तक
का सफ़र तय
करती है और
बताती है की
कैसे समाज के
दायरों के चलते
हम कई बार
वो हासिल नहीं
कर पाते हैं
जो हमें सबसे
ज्यादा चाहिए होता है
| 4 साल में लिखी
गयी इस किताब
को 1997 में बुकर
पुरस्कार से भी
सम्मानित किया गया
था |
5. अलकेमिस्ट
– पोएलो
कोएल्हो
पोएलो
कोएल्हो की अलकेमिस्ट
एक जादुई किताब
है | ये उन
लड़कियों को काफी
प्रेरित करेगी जो अपने
जीवन में किसी
कठिन समय से
गुज़र रही हैं
या गुज़र चुकी
हैं | अलकेमिस्ट कहानी
है एक ऐसे
बालक सेंटिआगो की
जिसे बार बार
छिपे हुए खजाने
का स्वप्न आ
रहा है | इस
स्वप्न को इशारा
समझ वह एक
चरवाहे के कहने
पर अपने खजाने
को ढूँढने चल
देता है | मार्ग
में उसे कौन
कौन मिलता है
और वो कैसे
उसके जीतने के
इरादे को और
मज़बूत करते हैं
इस पर आगे
की कहानी आधारित
है | ये किताब
बेहद सफल हुई
क्यूंकि इसको पढने
के बाद एहसास
होता है की
अगर मन में
दृढ निश्चय हो
तो इन्सान कुछ
भी हासिल कर
सकता है |
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