Khandahar Bata Rahe Hai Imarat Buland Thi..

खंडहर बता रहे हैं कि इमारत बुलंद थी।
Qutub minar
दिल्ली शहर के बीचो बिच 8 सौ साल से खडी ये इमारत मानो इस शहर की हिफाज़त कर रही हो। इस इमारत ने जहां तुर्कों से लेकर मुगलिया सल्तनत का वैभव देखा है वहीं ये इन सामराज्य के पतन की गवाह भी रही है। कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 में कुतुब मीनार का निमार्ण शुरू करवाया था और इस इमारत की पांचवी और आखरी मंजिल फिरोज़शाह तुगलक ने बनवाई थी।
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सदियों से चुप चाप खडी इस इमारत ने बदलते भारत को बहुत करीब से देखा है। कहते हैं कि कुतुब मीनार को बनवाने के लिए कुतुबुद्दीन ने कई मंदिरों को तुड़वाया था। शायद इस लिए इस इमारत को इस्लाम का हिंदुस्तान पर विजय के प्रतीक केे तौर पर देखा जाता है। खैर आज ये इमारत भारत की एक प्राचीन धरोहर है जिसे हर हिंदुस्तानी प्यार करता है पर वक्त के थपेड़ों को झेलते- झेलते आज ये इमारत मुट्ठी में बंद रेत की तरह फिसल रही है।
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आप जब इस इमारत को देखेंगे तो यकीन मानिये यहां की खंडहर होती हर दिवार आपको अपने गुजरे वक्त की कहानी ब्यां करेगी।
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