न्याय की जीत

आखिर बरसों की गुलामी की बेडियां टूट ही गयी और हमारी मुस्लिम बहनों को उनके हिस्से का इंसाफ मिल ही गया। आज भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने एक एतिहासिक फैसला देते हुए मुस्लिम समाज में बरसों से चल रही तीन तलाक जैसी कूरीति को असंवेधानिक घोषित कर दिया। जहां एक ओर इस फैसले के आने के बाद मुस्लिम महिलाबों में खुशी की लहर दौड गयी वहीं ये फैसला मुस्लिम समाज के कुछ तपके के लोगों के गले नहीं उतर पा रहा। खैर बरसों पूरानी सत्ता जब किसी के हाथ से जाती है तो इतनी बेचैनी तो जायज है। इस मुद्दे पर सर्वोच्चय न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अब इस विषय पर केंद्र सरका कानून बनाये। जिस तरह से एक बार फिर सर्वाेच्च न्यायालय ने इस विषय पर अपनी दिढता दिखाई है उसी निडर्ता के साथ केंद्र सरकार भी इस विषय का समाघन निकाले। कहीं पिछली सरका की तरह ही इस मुद्दे को फिर से विशेष जाती समुह की तुष्टीकरण की राजनीति बनाकर ना छोड दे।

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